बुधवार, 2 मई 2007

सिफ़र

तरन्नुम में तुम जो मिले
हम तुम हमसफ़र हो गये,
छू लिया आसमां
चांद बनकर तुमने
हम सिर्फ़ सिफ़र हो गये।

3 टिप्‍पणियां:

ghughutibasuti ने कहा…

बहुत खूब !
घुघूती बासूती

RC Mishra ने कहा…

वाकयी, बहुत खूब!

राजीव रंजन प्रसाद ने कहा…

बहुत खूब..

*** राजीव रंजन प्रसाद