शुक्रवार, 18 मई 2007

पत्नी से प्यार भरी मीठी मीठी बातें करने का कोई नुस्खा है?

मैं सपत्नीक, छत पर कल शाम के सुहावने मौसम का आनन्द ले रहा था। कुछ नारदी चिट्ठों की, आसपास की गतिविधियों की बातें हो रही थीं; जैसा कि आम तौर पर होता ही रहता है। लेकिन कल कुछ ऐसा हो गया कि मुझे यहां तक आना पड गया…
हम कुछ देर के लिये मौन हुए और छत पर मैं, मेरी पत्नी और एक सन्नाटा रह गए; अचानक मेरी पत्नी कहती है कि तुम मुझसे प्यार भरी बातें करो।
मानो मुझे बिजली का तेज झटका लगा, मैं लेटा था, उठ कर बैठ गया। प्रश्नवाचक निगाह के साथ मैं ने पूछा – क्या?
पत्नी ने झिडकते हुए प्रतिप्रश्न किया- सुनाई नही पड रहा है क्या? कह रही हूं मुझसे प्यार भरी मीठी मीठी बातें करो।
शादी के पन्द्रह वर्ष गुजरने के बाद पहली बार ऐसी, नही नही, ये कैसी फरमाईश।/? मैं हतप्रभ, अवाक, हैरान, चकित और न जाने क्या क्या ! मेरी चेतना लौटती उसके पहले पत्नी ने अपनी आवाज का डंडा फिर चलाया – सुन नही रहे हो क्या, मेरी यह फरमाईश भी पूरी नही कर सकते? मेरा पुरुषत्व हिल गया, ऐसा लगा मेरी पन्द्रह वर्षों की पत्नीसाधना/गृहस्थी/जवानी सब चकनाचूर।
किसी प्रकार अपने को संभाला और इसके पहले कि कोई और आरोप मढ दिया जाए मैं शुरू हो गया (मुहुर्त निकाल कर और लक्ष्य बना कर अपनी पत्नी से प्यार भरी मीठी मीठी बातें करना कितना दुरूह कार्य है मुझे इसका ज्ञान प्राप्त हो गया) ………
-- हे प्राण प्रिये, हे सखी, देखो कैसी मन्द मन्द वायु बह रही है, पंक्षी हवा में उड रहे हैं, सूरज अपने …..
पत्नी ने बीच में टोका – ये प्यार भरी बातें हैं? यह तो सब मुझे पता है जो तुम मुझे बता रहे हो। तुम केवल प्यार भरी बातें करो, समझे?
मैंने पुन: प्रयास किया – हे मेरी प्यारी, मेरी जानेमन, जान-ए-जिगर तुम इस सुहावने मौसम में मेरे लिये मेनका हो, रम्भा हो, अप्सरा हो। मैं तुम्हें अपने प्राणों से…….
पत्नी गुस्से में मुझे हडकाते हुए बोली- मौसम की आड में मेनका, रम्भा, अप्सरा को याद कर रहे हो। तुम एक बात साफ साफ बताओ कि मुझसे प्यार भरी बातें करोगे या नहीं।
मैंने अपना आखिरी दांव चल दिया – माई डीयर डार्लिंग, मैं इस बार के बोनस पर तुम्हें एक काश्मीरी सिल्क की साडी, एक मिडिल हाई हील की सैंडिल, एक जोडी पायल…..
चु्प्पप। पत्नी चिघ्घाडी। मुझे रिश्वत देने की कोशिश हो रही है। अरे फॉर गॉड सेक मुझसे प्यार भरी बातें करो।
मैने कहा, मैं अभी जा रहा हूं नारद जी के पास, देखता हूं किसी चिट्ठाकार के पास अपनी पत्नी से प्यार भरी मीठी मीठी बातें करने का कोई नुस्खा है, अगर मिल गया तो बल्ले बल्ले, नही तो….. नही तो का तो सवाल ही नही उठता, मेरा दाम्पत्य जीवन खतरे में पडा है… help me.

8 टिप्‍पणियां:

बेनामी ने कहा…
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Udan Tashtari ने कहा…

आपकी तकलीफ देखकर(शब्दचित्र में) आँख पर आई. गला रौंध गया है. थोड़ा आंसू थम जायें, गला नार्मल हो जाये, तब लिखते हैं आपके लिये नुस्खा. तब तक सुरक्षा कारणों से यथोचित दूरी बनाये रखें. :)

Gyan Dutt Pandey ने कहा…

समीर जी, नुस्खे की कॉपी हमें भी ई मेल कर दीजियेगा. रिटायर हो कर मैरिज कौंसिलर का काम कर लेंगे उससे!

बेनामी ने कहा…

जो हुआ उसी को प्यार की बातें के नाम से पेटेंट करा लीजिये!

परमजीत सिहँ बाली ने कहा…

अचानक कोई पत्नी ऎसी फर्माईश कर दे तो आदमी बेचारा क्या करें। प्रेम का प्रदर्शन सच मे बड़ा मुश्किल काम है। दिखावा भी तो नही कर पाते उस के सामनें। इस बारे मे चिन्तन, मनन करने की जरूरत है।

बेनामी ने कहा…

समीरजी नुस्खा हमें भी चाहिए क्योंकि अभी हमारी शुरुआत ही है।

बेनामी ने कहा…

Roman hindi ke liye Kshama.
Pyar bhari baten dil se nikalti hain. Dikkatt ye hai ki humaisi baten sirf filmon mein jyada dekhte hain isliye vo jevan mein kuch banavati lagti hain. Aur hum pyar ka pradarshan paschim deshon ki tarah bhi nahin karte (halanki usmen bura kuch nahin hai).
fir bhi baten karne ka tareeka batata hoon.
Halanki aise baten karna mere liye bhi hamesha aasan nahin hota.
Pehle sochiye ki aapki patni ki aapke jevan mein kya jagah hai. aap apne shuru ke dinon ko bhi yaad kar sakte hain. fir dhere dehre baten dil se dimag mein pahuch jayengi. agey pyar ke baten karte hue aap pyar bhi kar skate hain. Kaise? aap 15 salon mein jaan chuke honge.
Ek baat aur hath ki pachon ungliyan ek si nahihn hoti. Vaise hi har Anonymous bura nahin hota.

बेनामी ने कहा…

अरे भाई इत्ती सी सीधी साधी बात भी नही समझे?
बस्स कुछ फिल्मी गाने सुना डालने थे.