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शुक्रवार, 18 मई 2007
वाह रे Anonymous
मैं पूछता हूं नारद के कर्णधारों से कि क्या इस तरह की टिप्पणियां भी की जाती हैं किसी लेख के प्रति? (यदि आपको जानना है तो कि क्या टिप्पणी की गई है तो मुझे somsanson@yahoo.com पर अंग्रेजी में भाषा में सम्पर्क करें।)यदि ऐसा है तो क्या फर्क रह गया नारद और किसी पोर्न फिल्में दिखाने वाली साईट्स में? मेरे प्रेरणास्त्रोत से भी मैं यही बात पूछता हूं। इस टिप्पणि के जनक Anonymous ने तो अपने संस्कार दिखा दिये और मैंने उस टिप्पणी को मिटा दिया लेकिन क्या इस तरह की घटना को रोकने की जिम्मेदारी नारद की नही है? अगर नही है तो यह अच्छी बात नही है। इस टिप्पणी ने मुझे इतना मर्माहत किया है कि शायद यह मेरे ब्लॉग लेखन के अंतिम शब्द होंगे, क्योंकि इस चिट्ठे में मेरी बेटी का जिक्र हुआ है और फिर ऐसा कमेंट। नारद के कर्णधारों अगर आपने अपनी जिम्मेदारी इस घटना के मद्देनजर नही उठाई तो मेरा नारद को अतिशय श्राप होगा और श्रृधांजलि भी।
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14 टिप्पणियां:
कुछ ऐसे भ्रस्ट लोग घुस आये है जिनका कोई धर्म नही है जो है भी उसे भी बेच दिया है। किसी के प्रति की गई इस प्रकार की घटना निंदनीय है और इसकी सामूहिक निन्दा की जानी चाहिये।
मेरे काफी पुराने लेख मे ऐसी ही अशोभनीय भाषा और गलियों का प्रयोग था,खैर आप इन बातों को भूला कर केवल ब्लागर के खाते दारों को ही टिप्पणी की अनुमति दीजिये।
मै इस धटना के लिये खेद प्रकट करता हूँ, इसकी निन्दा करता हूँ। जो भी हो पक्के रूप से मै कह सकता हूँ कि जो कोई भी होगा अपने में से ही है।
मान्यवर मैं कुछ बाते स्पष्ट करना चाहता हूँ कृपया शांत मन से पढ़े.
एक हम सब जो काफी समय से लिख रहे है, ऐसी अशोभनिय टिप्पणीयाँ खाते रहे हैं, अब आप भी एक नए शिकार हुए है.
दुसरे जब आपका अपना ब्लोग होते हुए भी आप अनावश्यक टिप्पणी नहीं रोक पाए तो नारद जो मात्र चिट्ठो की जानकारी देने का कार्य करता है, कैसे रोक सकता है.
तीसरे इसका एक ही उपाय है आप टिप्पणीयों पर मोडरेशन लागु कर दें.
मैं इस कृत्य की भरपूर निन्दा करता हूँ पर आपका गुस्सा नारद पर जायज नहीं है.क्योकि नारद किसी भी ब्लौग पर किसी की टिप्पणी को नहीं रोक सकता. इस तरह की टिप्प्णीयां हम में से सभी कभी ना कभी प्राप्त करते होंगे.इनका एक ही उपाय है. इनको इग्नोर कर दें और अच्छे से अच्छा लिखते रहें. आशा है आप इसी तरह से लिखते रहेंगे.
"...नारद के कर्णधारों अगर आपने अपनी जिम्मेदारी इस घटना के मद्देनजर नही उठाई तो मेरा नारद को अतिशय श्राप होगा और श्रृधांजलि भी।..."
आप अपनी भ्रांति दूर कर लें. नारद का या उसके संचालकों का किसी टिप्पणीकर्ता से कोई लेना देना नहीं है. और न ही यह संभव है.
आप अपने ब्लॉग स्थल पर कमेंट मॉडरेशन लगाएं या उसे पूरा डिसेबल करें या एनोनिमस कमेंट स्वीकार न करें - और यह सब अपने ब्लॉगर खाते से करें. ब्लॉगर जहाँ आपका खाता है वो अलग है और नारद अलग!
"...नारद के कर्णधारों अगर आपने अपनी जिम्मेदारी इस घटना के मद्देनजर नही उठाई तो मेरा नारद को अतिशय श्राप होगा और श्रृधांजलि भी।..."
आप अपनी भ्रांति दूर कर लें. नारद का या उसके संचालकों का किसी टिप्पणीकर्ता से कोई लेना देना नहीं है. और न ही यह संभव है.
आप अपने ब्लॉग स्थल पर कमेंट मॉडरेशन लगाएं या उसे पूरा डिसेबल करें या एनोनिमस कमेंट स्वीकार न करें - और यह सब अपने ब्लॉगर खाते से करें. ब्लॉगर जहाँ आपका खाता है वो अलग है और नारद अलग!
चुंतन जी, आप की बात पढकर मन विषाद से भर गया। जिस ने भी यह टिप्पणी की है उसे हम धिक्कारते हैं।(जब की मुझे नही मालूम उसने क्या टिप्पणी की)लेकिन जो टिप्पणी किसी के मन को आहत करती हो वह वाकय ही निन्दा के काबिल है।उस टिप्पणी करने वाले को आप से माफी मागनी चाहिए।
मुझे एक बात समझ नहीं आई, भई नारद कैसे जिम्मेदार है किसी भी टिप्पणी का। भईया, आपके ब्लॉग पर दुनिया से कोई भी आ सकता है। अगर आपको रोकना है तो, एनौनैमस पोस्ट disable कर दो। spam से डर कर नेट पर जी नहीं पाओगे। नारद कतई कुछ नहीं कर सकता। वो आपको पाटक दे रहा है, उस का शुक्रिया करें और माफी मांगें।
यह कहना की कमेंट करने वाला अपने मे से ही है यह गलत भी हो सकता है। वेब पर प्रकाशित हर रचना पर तो कोई भी आता जाता कमेंट मार सकता है। एक सलाह देना चाहूँगा: कृपया settings>comments?who can comment में जाकर 'only registered user' कर दीजिए।
शर्म है ऐसे लोगों पर जो कमेंट्स तो करना चाहते हैं पर अपनी पहचान छिपा कर! जो कहना है खुल कर अपने नाम के साथ नहीं कह सकते, और जैसा कि आप बता रहे हैं इस तरह के अश्लील कमेंट्स की तो जितनी भी भर्त्सना की जाए कम ही है।
नारद से जुड़े एक चिट्ठाकार के रुप में मैं खेद प्रकट करता हूं
ऐसे कमीने लोगों पर ध्यान मत दीजिए, हर जगह गंद फैलाते रहते हैं. आप बस लिखते रहिए, इलाज यही है कि इगनोर मार दीजिए.
अनामदास
भाई, हम सभी समय समय पर इस तरह का टिप्पणी प्रसाद प्राप्त करते रहते हैं. बस, अप्रूव नहीं करते. खुद गुनगुना कर रह जाते हैं. अब चावल के संग कंकर तो आ ही जाते हैं. बीन कर अलग कर दो, और दाल भात का मजा लो. कहाँ आप भी परेशान हो रहे हैं. लिखते रहिये.
हमारा काम है इन तथ्यों पर ध्यान केन्द्रित न करते हुए…। नयी ऊर्जा के साथ और बढ़िया लिखना…
बाकी तो उपर आपको सभी ने बता ही दिया है जो सही है…।
आपकी जानकारी गलत है।
ब्लॉग पर की गयी टिप्पणी पर कंट्रोल सिर्फ़ ब्लॉग लेखक का ही हो सकता है और किसी का नही। नारद का ना तो इस टिप्पणी से कोई लेना देना है और ना ही नारद इसको रोक सकता है। इसलिए सबसे पहले तो आप अपनी अगली पोस्ट मे नारद से क्षमा याचना करिए।
दूसरा, आप अपने ब्लॉग पर टिप्पणियों पर माडरेशन लगाए, ताकि आप टिप्पणी पहले पढ लें, उसके बाद ही एप्रूव करें। समाज मे अच्छे और बुरे हर तरह के लोग होते है, शायद किसी ने बदतमीजी की है। आप इनको इग्नोर करें और लगातार लिखें।
Keep up the good work.
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