विषय :- 100X100 फ़ुट जमीन के एक टुकडे का अभियोजन ।
संदर्भ :- थोडी दूर (शायद 10 खरब प्रकाश वर्ष) पर एक नयी पृथ्वी की खोज।
आरोप :- बद्री प्रसाद नयी पृथ्वी पर 100X100 फ़ुट का एक टुकडा खरीदना/हडपना/कब्जियाना चाहता है।
पात्र परिचय :-
आरोपी :- बद्री प्रसाद (एक काल्पनिक चरित्र)
अभियोजन स्थल :- अंतर ब्रह्माण्डीय उच्च न्यायालय/केम्फोरन ग्रह (काल्पनिक नाम)
जज :- झेलस्टॉन ग्रह (काल्पनिक नाम) से विद्वान न्यायमूर्ति माननीय श्री अढाईसिरवाला (काल्पनिक नाम) (home planet का जज होने से पक्षपात की आशंका हो सकती है।)
सरकारी वकील :- फ़्युरिओला (काल्पनिक नाम) ग्रह से श्री डेढसिरवाला (काल्पनिक नाम) (home planet का सरकारी वकील होने से पक्षपात की आशंका हो सकती है।)
गैर सरकारी वकील :- कोई नही; बद्री प्रसाद अपना केस खुद लडेगा।
अभियोजन प्रक्रिया :- आरोपी की plantality के अनुसार; ताकि वो feel at earth कर सके।
लाइट/कैमरा/एक्शन :- (कमरे के अंदर लाइट जला दी गयी , एक्शन शुरु)
जज : मुकदमे की कार्यवाई शुरु की जाए।
स०व०: मी लार्ड, मुल्जिम श्री बद्री प्रसाद, मैसिली (खोजे गये ग्रह का काल्पनिक नाम) पर 100X100 फ़ुट का जमीन का एक टुकडा खरीदना/हडपना/कब्जियाना चाहता है।
ब०प्र० : सरकार की जय हो । सरकार हम पहिलै ई बता देयावा चाहित ही कि हमैं बोले का सहूर तौ है नही। तौ जउन गलती होवै माफ किया जाए सरकार। अब सरकार ई जउन अपने खोपडी में आधी खोपडी अउर घुसेडे हैं , हमार मतबल सर्कारी उकील साहेब हमरे उपर जउन अरोप लगाय रहा हन, एमे हम कउन कानून तोड डारे हैई साहेब, तनी खुल कै बतावा जाय ।
जज : मि. डेढसिरवाला मुल्जिम को आरोप स्पष्ट किया जाए।
स०व० : यस मी लार्ड । बद्री प्रसाद, तुमने, BPC (ब्रह्माण्डीय पीनल कोड ) की धारा 842/2-1 (जिसमें कहा गया है कि Homo sapiens प्रजाति के किसी भी सदस्य को कभी भी कोई वस्तु/अवसर जिसका संबंध धर्म, अर्थ, काम से हो, इस प्रकार से मिले कि वो इसका बिना किसी रोक टोक के, असीमित परिमाण व परिमाप में प्रयोग कर सके तो वह कोई सीमा निर्धारित नही करेगा) व धारा 1684/4-1 (जिसमें उपर्वर्णित धारा मे स्पष्ट की गयी स्थिति से Homo sapiens प्रजाति के किसी भी सदस्य का साबका पडता है तो वह मात्र आधिपत्य स्थापित करेगा और उस वस्तु/अवसर का अधिपति होगा ) का उल्लंघन किया है। तुम्हारे इस कृत्य से BPC (ब्रह्माण्डीय पीनल कोड ) की धारा 420/1-0 (जिसमे यह स्पष्ट्या आदेशित किया गया है कि उपर्वर्णित दोनो धाराओं के क्रियान्यवन हेतु स्वर्गलोक में स्थापित देवताओं की खण्ड पीठ मानव मस्तिष्क में आवश्यक जीन्स/डीएनए/आरएनए इत्यादि की स्थापना करेगी और सुनिश्चित करेगी कि कोई गलत पीस बहिर्गामी ना हो जाए लेकिन यदि कोई गलत पीस बनता/बहिर्गामी होता है तो पता चलते ही उस पीस को नष्ट किया जाएगा और इसके लिए जिम्मेदार देवता को उसकी स्थिति/रैंक के अनुसार निर्धारित कालावधि हेतु असुर योनि में भेज दिया जाएगा) का उल्लंघन हुआ है।
जज : बद्री प्रसाद, क्या तुम्हे तुम्हारे प्रश्न का उत्तर मिल गया ? यदि हां तो तुम्हे कुछ कहना है?
ब०प्र० : हां माई बाप, तनि तनि समझ में आवा है लेकिन हमरे कहे खातिर ई है कि हम ई पृथ्वी मा इलाहाबादे मा रहित है, हमरे एक बीबी, पांच लडकियन अउर तीन बेट्वा हन;……….
जज : (बीच में हस्तक्षेप करते हुए) एक मिनट बद्री प्रसाद, तुमने तो शायद समझ लिया पर आखिरी फ़ैसला तो मुझे करना है, इसके लिये मुझे यह आरोप अभी तक समझ नही आया । इसे समझने के लिये मुझे थोडा समय चाहिये । इसलिये इस मुकदमे की अगली तारीख दी जाती है।
(क्रमश:)
संदर्भ :- थोडी दूर (शायद 10 खरब प्रकाश वर्ष) पर एक नयी पृथ्वी की खोज।
आरोप :- बद्री प्रसाद नयी पृथ्वी पर 100X100 फ़ुट का एक टुकडा खरीदना/हडपना/कब्जियाना चाहता है।
पात्र परिचय :-
आरोपी :- बद्री प्रसाद (एक काल्पनिक चरित्र)
अभियोजन स्थल :- अंतर ब्रह्माण्डीय उच्च न्यायालय/केम्फोरन ग्रह (काल्पनिक नाम)
जज :- झेलस्टॉन ग्रह (काल्पनिक नाम) से विद्वान न्यायमूर्ति माननीय श्री अढाईसिरवाला (काल्पनिक नाम) (home planet का जज होने से पक्षपात की आशंका हो सकती है।)
सरकारी वकील :- फ़्युरिओला (काल्पनिक नाम) ग्रह से श्री डेढसिरवाला (काल्पनिक नाम) (home planet का सरकारी वकील होने से पक्षपात की आशंका हो सकती है।)
गैर सरकारी वकील :- कोई नही; बद्री प्रसाद अपना केस खुद लडेगा।
अभियोजन प्रक्रिया :- आरोपी की plantality के अनुसार; ताकि वो feel at earth कर सके।
लाइट/कैमरा/एक्शन :- (कमरे के अंदर लाइट जला दी गयी , एक्शन शुरु)
जज : मुकदमे की कार्यवाई शुरु की जाए।
स०व०: मी लार्ड, मुल्जिम श्री बद्री प्रसाद, मैसिली (खोजे गये ग्रह का काल्पनिक नाम) पर 100X100 फ़ुट का जमीन का एक टुकडा खरीदना/हडपना/कब्जियाना चाहता है।
ब०प्र० : सरकार की जय हो । सरकार हम पहिलै ई बता देयावा चाहित ही कि हमैं बोले का सहूर तौ है नही। तौ जउन गलती होवै माफ किया जाए सरकार। अब सरकार ई जउन अपने खोपडी में आधी खोपडी अउर घुसेडे हैं , हमार मतबल सर्कारी उकील साहेब हमरे उपर जउन अरोप लगाय रहा हन, एमे हम कउन कानून तोड डारे हैई साहेब, तनी खुल कै बतावा जाय ।
जज : मि. डेढसिरवाला मुल्जिम को आरोप स्पष्ट किया जाए।
स०व० : यस मी लार्ड । बद्री प्रसाद, तुमने, BPC (ब्रह्माण्डीय पीनल कोड ) की धारा 842/2-1 (जिसमें कहा गया है कि Homo sapiens प्रजाति के किसी भी सदस्य को कभी भी कोई वस्तु/अवसर जिसका संबंध धर्म, अर्थ, काम से हो, इस प्रकार से मिले कि वो इसका बिना किसी रोक टोक के, असीमित परिमाण व परिमाप में प्रयोग कर सके तो वह कोई सीमा निर्धारित नही करेगा) व धारा 1684/4-1 (जिसमें उपर्वर्णित धारा मे स्पष्ट की गयी स्थिति से Homo sapiens प्रजाति के किसी भी सदस्य का साबका पडता है तो वह मात्र आधिपत्य स्थापित करेगा और उस वस्तु/अवसर का अधिपति होगा ) का उल्लंघन किया है। तुम्हारे इस कृत्य से BPC (ब्रह्माण्डीय पीनल कोड ) की धारा 420/1-0 (जिसमे यह स्पष्ट्या आदेशित किया गया है कि उपर्वर्णित दोनो धाराओं के क्रियान्यवन हेतु स्वर्गलोक में स्थापित देवताओं की खण्ड पीठ मानव मस्तिष्क में आवश्यक जीन्स/डीएनए/आरएनए इत्यादि की स्थापना करेगी और सुनिश्चित करेगी कि कोई गलत पीस बहिर्गामी ना हो जाए लेकिन यदि कोई गलत पीस बनता/बहिर्गामी होता है तो पता चलते ही उस पीस को नष्ट किया जाएगा और इसके लिए जिम्मेदार देवता को उसकी स्थिति/रैंक के अनुसार निर्धारित कालावधि हेतु असुर योनि में भेज दिया जाएगा) का उल्लंघन हुआ है।
जज : बद्री प्रसाद, क्या तुम्हे तुम्हारे प्रश्न का उत्तर मिल गया ? यदि हां तो तुम्हे कुछ कहना है?
ब०प्र० : हां माई बाप, तनि तनि समझ में आवा है लेकिन हमरे कहे खातिर ई है कि हम ई पृथ्वी मा इलाहाबादे मा रहित है, हमरे एक बीबी, पांच लडकियन अउर तीन बेट्वा हन;……….
जज : (बीच में हस्तक्षेप करते हुए) एक मिनट बद्री प्रसाद, तुमने तो शायद समझ लिया पर आखिरी फ़ैसला तो मुझे करना है, इसके लिये मुझे यह आरोप अभी तक समझ नही आया । इसे समझने के लिये मुझे थोडा समय चाहिये । इसलिये इस मुकदमे की अगली तारीख दी जाती है।
(क्रमश:)
2 टिप्पणियां:
मित्र आपके चिट्ठे का नाम मुझे भी अखरता है .. न जाने क्यों.. पर आपका लिखा ये अभियोजन एक नयेपन का वादा करता सा दिखता है.. उम्मीद है आप वादा निभायेंगे.. जारी रहें..
और हो सके तो नाम के बारे में फिर सोचें..
एक टिप्पणी भेजें